गति शक्ति विद्यालय: भारत के युवाओं के लिए कौशल विकास की नई क्रांति

..गति शक्ति विद्यालय: भारत के युवाओं के लिए कौशल विकास की नई क्रांति

परिचय:

गति शक्ति विद्यालय भारत सरकार की एक नई पहल है जिसका उद्देश्य देश के युवाओं को परिवहन, लॉजिस्टिक्स, बुनियादी ढांचा (इंफ्रास्ट्रक्चर), और इससे संबंधित क्षेत्रों में व्यावसायिक एवं तकनीकी प्रशिक्षण देना है। यह पहल प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2021 में शुरू किए गए प्रधानमंत्री गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान (PM Gati Shakti National Master Plan) के हिस्से के रूप में लाई गई है। इसका उद्देश्य देश की लॉजिस्टिक्स प्रणाली को अधिक कुशल, तेज़, सटीक और लागत प्रभावी बनाना है।

गति शक्ति योजना का पृष्ठभूमि:

भारत जैसे विशाल और विविध देश में लॉजिस्टिक्स और ट्रांसपोर्ट क्षेत्र में कुशल मानव संसाधन की आवश्यकता निरंतर बढ़ रही है। ‘गति शक्ति’ योजना के अंतर्गत रेलवे, सड़कों, बंदरगाहों, हवाई अड्डों और अन्य परिवहन साधनों को एक-दूसरे से जोड़ा जा रहा है। इसके सफल क्रियान्वयन के लिए आवश्यक है कि इस क्षेत्र में काम करने वाले युवाओं को उच्च स्तरीय प्रशिक्षण मिले। इसी उद्देश्य से गति शक्ति विद्यालयों की स्थापना की जा रही है।


मुख्य उद्देश्य:

  1. युवाओं को रोजगारपरक शिक्षा देना:
    लॉजिस्टिक्स और परिवहन क्षेत्र में प्रशिक्षण देकर युवाओं को सीधा रोजगार से जोड़ना।

  2. इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर के लिए स्किल्ड मैनपावर तैयार करना:
    जैसे – रेलवे, मेट्रो, हवाई अड्डा प्रबंधन, गोदाम प्रबंधन, ट्रांसपोर्ट नेटवर्क आदि।

  3. आत्मनिर्भर भारत को सशक्त बनाना:
    जब भारत का युवा शिक्षित, प्रशिक्षित और आत्मनिर्भर होगा, तभी देश आत्मनिर्भर बनेगा।


मुख्य विशेषताएं:

1. उद्योग आधारित पाठ्यक्रम:

गति शक्ति विद्यालयों में जो पाठ्यक्रम पढ़ाए जाएंगे, वे पूरी तरह से इंडस्ट्री की मांग के अनुरूप होंगे। इसमें डिजिटल लॉजिस्टिक्स, मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट सिस्टम, वेयरहाउसिंग टेक्नोलॉजी, और आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन जैसे आधुनिक विषय शामिल होंगे।

2. प्रयोगात्मक शिक्षा (Practical Learning):

सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं, बल्कि प्रशिक्षण के दौरान छात्रों को इंडस्ट्रियल विज़िट, इंटर्नशिप, और लाइव प्रोजेक्ट्स के माध्यम से व्यावहारिक अनुभव भी दिया जाएगा।

3. रोजगार से सीधा जुड़ाव:

इन विद्यालयों में उद्योगों के साथ साझेदारी की जा रही है जिससे छात्र प्रशिक्षण के बाद तुरंत नौकरियों में शामिल हो सकें।

4. डिजिटल और स्मार्ट क्लासरूम:

गति शक्ति विद्यालयों में आधुनिक तकनीक से लैस कक्षाएं, कंप्यूटर लैब, सिमुलेशन सॉफ्टवेयर और ऑनलाइन प्रशिक्षण की सुविधा होगी।


स्थापना और विस्तार:

सरकार ने 2024-25 तक पूरे देश में 100 से अधिक गति शक्ति विद्यालयों की स्थापना का लक्ष्य रखा है। ये विद्यालय मुख्यतः रेलवे स्टेशनों, लॉजिस्टिक्स हब, और औद्योगिक क्षेत्रों के पास बनाए जा रहे हैं ताकि छात्रों को क्षेत्र के अनुकूल अवसर मिल सकें। प्रारंभिक चरण में रेलवे मंत्रालय की बड़ी भूमिका रही है।


प्रशिक्षण से रोजगार तक:

गति शक्ति विद्यालयों से प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले छात्रों को विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार मिलने की संभावना है, जैसे:

  • भारतीय रेलवे

  • माल परिवहन और ट्रकिंग कंपनियां

  • एयर कार्गो और हवाई अड्डा प्रबंधन

  • वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक्स कंपनियां

  • पोर्ट अथॉरिटी और जहाजरानी क्षेत्र

  • निजी निर्माण और इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियां


गति शक्ति और अन्य सरकारी योजनाओं से संबंध:

यह विद्यालय स्किल इंडिया मिशन, डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत जैसे अभियानों के साथ पूर्णतः समन्वित है। इन योजनाओं का मूल उद्देश्य युवाओं को उत्पादक, आत्मनिर्भर और तकनीकी रूप से सशक्त बनाना है।


निष्कर्ष:

गति शक्ति विद्यालय भारत में एक क्रांतिकारी कदम है जो शिक्षा और रोजगार के बीच की खाई को पाटने में मदद करेगा। यह योजना न केवल युवाओं को सशक्त बनाएगी बल्कि भारत को वैश्विक लॉजिस्टिक्स और इंफ्रास्ट्रक्चर की दुनिया में प्रतिस्पर्धी बनाने में भी अहम भूमिका निभाएगी। ऐसे संस्थान राष्ट्र निर्माण के मजबूत स्तंभ साबित होते हैं। यदि इसे सही दिशा और संसाधन मिले, तो यह भारत के विकास की गति को कई गुना तेज कर सकता....................................................................................................

No comments:

Post a Comment